Anonymous, Alone and Absolutely Hopeless

Thursday, April 29, 2010

Humse Na Kaho

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हम कमज़ोर हैं हमसे और लड़ने को ना कहो  सहा होगा हमसे कहीं ज्यादा हर एक ने इस दुनिया में कोई हमसे और सहने को ना कहो होगी ज़िन्दगी खुदा कि नेम...
Monday, March 29, 2010

Tujhse Ab Na Koi Ummeedein Rakhenge

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हर लम्हा जो आँखें खुली रखीं तुझको याद किया, नींद जो आई तो नजरों को मूँद कर भी ख्वाबों में तेरा ही दीदार किया बेमतलब बेमौके जो अश्क बह निकल...
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Anjaana

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कौन है ये इंसान जिससे मैं इतना अनजान हूँ आईने में तो ये कुछ कुछ मुझसा नज़र आता है, आसमान छूने के सपने संजोता था जो आँखों में आज उन्ही सपन...
Saturday, February 27, 2010

Chand Lamhen Aur

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चन्द धागे बस जुड़ जाएँ चन्द वादों को तोड़ने का दिल हो जाये इक आवाज़ और इक बार बस सुन लूं चन्द पन्ने इस किताब के ख़त्म हो जाएँ फिर तो रु...

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चन्द लम्हें और ऐ दुनिया बस फिर तुझसे कहीं दूर मैं चला कहाँ का वो सफ़र होगा उससे भले अनजान हूँ मैं तेरी इस दोज़ख को छोड़ मैं चला.
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Wednesday, January 13, 2010

Ghar Aana Tera

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दरो दीवार से आ रही है खुश्बू तेरी बिस्तर तकिये में बस गयी है महक तेरी प्यारा सा लगता है मुझको अब ये मकान मेरा बना गया इस मकान को घर इक बा...
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Wednesday, January 6, 2010

Tujhse Pehle Tere Baad

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तुझसे मिलने से पहले भी तो ज़िन्दगी तन्हा थी मेरी फिर क्यूँ तुझसे बिछड़ के ये तन्हाई और गहरी लगती है? चन्द दिनों का ही तो साथ था हमारा फिर...
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