दर्द छिपाए सीने में
हम तन्हा जिया करते थे
खुद के ग़म को दुनिया से अलग मानके
हम आंसूं बहाया करते थे.
जबसे तेरे दिल को जाना है हमने
ये जाना कि तेरा भी ग़म कुछ मेरे ही जैसा है
दुनिया से अलग सिर्फ मैं ही नहीं
कोई और भी मेरे जैसा है.
अजीब सा तेरा मेरा ये रिश्ता है
जोड़ता है हमको ग़म एक दुसरे का
ग़म का ये रिश्ता कैसे इतनी ख़ुशी दे जाता है
जीने की हमारी वजह है ग़म एक दुसरे का.
ना नाम है कोई, ना कोई पहचान है
इस रिश्ते में ना कोई उम्मीद बस जज्बातों का उफान है
फिर भी ये ग़म का रिश्ता ज़िन्दगी की सबसे ख़ूबसूरत अमानत है
ग़म का ही सही, ये रिश्ता ही ही अब तेरा मेरा ना पूरा हो सकने वाला अरमान है.
Monday, December 14, 2009
Friday, December 11, 2009
Khud Se Na Inkaar Kar
दिल में छुपाके प्यार मेरा
खुद से भी तू इनकार करता है
डरता है तू मेरे प्यार से
या खुद ही खुद से डरता है?
कर ले इकरार तू
दुनिया के बन्धनों का क्या ख्याल करता है
मेरे लिए ना सही अपने लिए ही इज़हार कर
अपनी ख़ुशी से भला क्यूँ इनकार करता है?
दूंगा हर कदम हर मोड़ पे मैं साथ तेरा
क्यूँ तू खुद को महसूस अकेला करता है
दुनिया में जितना है प्यार नहीं
कहीं ज्यादा उससे तुझको प्यार ये दीवाना करता है
दूर रखके खुद से खुशियाँ
दर्द को सीने से क्यूँ लगाता है
खुशियों को देकर एक मौका देख
दर्द से कहीं ज्यादा खुशियों से तेरा नाता है
कर ले खुद पर भी यकीन एक बार तू
मोहब्बत को एक मौका देने में क्या जाता है
यकीन तेरा टूटने ना दूंगा मैं
देख ये दीवाना तेरी दुनिया में कैसी बहार लाता है.
Sunday, December 6, 2009
Ajnabi
तू मेरा कोई भी नहीं है
उम्मीद भी तुझसे कोई नहीं
कल तक ही तो तू अजनबी था
आज भी तू हमसफ़र नहीं.
फिर क्यूँ आँखें बिछा रखी हैं
क्यूँ है इस बेसब्री से तेरा इंतज़ार
नहीं मैं तुझसे प्यार नहीं करता
फिर क्यूँ है तेरी देरी से ये दिल बेकरार?
क्या सचमुच तू मेरा कोई नहीं है
क्या सचमुच ही तू अजनबी है?
ये क्या हो रहा है मुझको ऐ दिल
की तू पूछता है की क्यूँ तू मेरा हमसफ़र नहीं है?
ये ख्वाब भी टूटेगा
फिर एक बार तू गुम होगा आँखों से मेरी
दिल फिर भी ढूँढेगा तुझको
आखिर क्यूँ, की जब जानता है हमेशा की तू आया ही था ज़िन्दगी से जाने को मेरी?
उम्मीद भी तुझसे कोई नहीं
कल तक ही तो तू अजनबी था
आज भी तू हमसफ़र नहीं.
फिर क्यूँ आँखें बिछा रखी हैं
क्यूँ है इस बेसब्री से तेरा इंतज़ार
नहीं मैं तुझसे प्यार नहीं करता
फिर क्यूँ है तेरी देरी से ये दिल बेकरार?
क्या सचमुच तू मेरा कोई नहीं है
क्या सचमुच ही तू अजनबी है?
ये क्या हो रहा है मुझको ऐ दिल
की तू पूछता है की क्यूँ तू मेरा हमसफ़र नहीं है?
ये ख्वाब भी टूटेगा
फिर एक बार तू गुम होगा आँखों से मेरी
दिल फिर भी ढूँढेगा तुझको
आखिर क्यूँ, की जब जानता है हमेशा की तू आया ही था ज़िन्दगी से जाने को मेरी?
Zinda
दर्द अब बर्दाश्त से बाहर है
ना ही बची अब दिलो दिमाग में ताकत है
एक आसरा तेरा था मौत, तू मिलेगी मुझसे
तुझे भी आज छीन लिया उस ज़ालिम ने मुझसे.
एक वादे ने बाँधा कुछ ऐसे बंधन में मुझको
रोज़ ही मरता रहूँ मैं लेकिन
मर मर के ही जीना पड़ेगा
दिल बहाता रहे खून के आंसूं, पीना पड़ेगा.
तेरा नहीं है कसूर मैं जानता हूँ
तू बस मुझे जिंदा देखना चाहता है
पर ये ना समझा तू की इस ज़िन्दगी की लाश उठाने की अब ताकत नहीं है मुझमें
और एक तू है, की मेरा सहारा बनने की हिम्मत नहीं है तुझमें.
नहीं निभा सकता है तू साथ मेरा
लेकिन ये चाहता है की तेरे बिना मैं निभाऊं ज़िन्दगी का साथ
शर्त ये तेरी जिंदा तो रख जाएगी मुझे
फिर तुझे क्या की ये ज़िन्दगी कितना सताएगी मुझे.
वादा किया है तुझसे तो मैं निभाऊंगा
घुटते हुए ही गर देखना चाहती है तू मुझको तो चल दिखाऊंगा
लोग प्यार की खातिर मर मिटते हैं
मैं तुझे जिंदा रहके बताऊंगा.
ना ही बची अब दिलो दिमाग में ताकत है
एक आसरा तेरा था मौत, तू मिलेगी मुझसे
तुझे भी आज छीन लिया उस ज़ालिम ने मुझसे.
एक वादे ने बाँधा कुछ ऐसे बंधन में मुझको
रोज़ ही मरता रहूँ मैं लेकिन
मर मर के ही जीना पड़ेगा
दिल बहाता रहे खून के आंसूं, पीना पड़ेगा.
तेरा नहीं है कसूर मैं जानता हूँ
तू बस मुझे जिंदा देखना चाहता है
पर ये ना समझा तू की इस ज़िन्दगी की लाश उठाने की अब ताकत नहीं है मुझमें
और एक तू है, की मेरा सहारा बनने की हिम्मत नहीं है तुझमें.
नहीं निभा सकता है तू साथ मेरा
लेकिन ये चाहता है की तेरे बिना मैं निभाऊं ज़िन्दगी का साथ
शर्त ये तेरी जिंदा तो रख जाएगी मुझे
फिर तुझे क्या की ये ज़िन्दगी कितना सताएगी मुझे.
वादा किया है तुझसे तो मैं निभाऊंगा
घुटते हुए ही गर देखना चाहती है तू मुझको तो चल दिखाऊंगा
लोग प्यार की खातिर मर मिटते हैं
मैं तुझे जिंदा रहके बताऊंगा.
Saturday, December 5, 2009
Ek Naye Dost Ke Naam
बातें करके उससे दिल बहलने सा लगता है
नाउम्मीदी में भी क्यूँ एक दिया जलता सा लगता है
मैं जानता हूँ की ये भी सपना टूट जायेगा मगर
क्यूँ ये अजनबी एक दोस्त सा नज़र आता है.
दोस्ती से प्यार से रिश्तों से ममता से
हो गयी है नफरत मुझको
नहीं चाहता नए धागों में बंधना फिर भी
क्यों ये अजनबी दोस्त प्यारा सा नज़र आता है.
सपनों को टूटते इतना देखा है की अब
सपने देखने से भी डर लगता है
रोका है खुद को इतना फिर भी
क्यूँ इस नए दोस्त में एक सुन्दर सपना सा नज़र आता है.
ए दोस्त शुक्रिया तेरी दोस्ती का
तू नहीं जानता के कितने इसके मायने हैं
लेकिन दिखा ना मुझको फिर से खूबसूरत ज़िन्दगी के ख्वाब
मुझे ये हसीं सपना बिखरता सा नज़र आता है.
अबके बिखरा तो फिर जुड़ ना पाऊंगा
करता है तू ना जाने का वादा मैं जानता हूँ लेकिन
तुझसे ज्यादा मुझे मेरी बदकिस्मती पे भरोसा है
तू मुझे मेरी ज़िन्दगी का आखरी सौगात सा नज़र आता है.
नाउम्मीदी में भी क्यूँ एक दिया जलता सा लगता है
मैं जानता हूँ की ये भी सपना टूट जायेगा मगर
क्यूँ ये अजनबी एक दोस्त सा नज़र आता है.
दोस्ती से प्यार से रिश्तों से ममता से
हो गयी है नफरत मुझको
नहीं चाहता नए धागों में बंधना फिर भी
क्यों ये अजनबी दोस्त प्यारा सा नज़र आता है.
सपनों को टूटते इतना देखा है की अब
सपने देखने से भी डर लगता है
रोका है खुद को इतना फिर भी
क्यूँ इस नए दोस्त में एक सुन्दर सपना सा नज़र आता है.
ए दोस्त शुक्रिया तेरी दोस्ती का
तू नहीं जानता के कितने इसके मायने हैं
लेकिन दिखा ना मुझको फिर से खूबसूरत ज़िन्दगी के ख्वाब
मुझे ये हसीं सपना बिखरता सा नज़र आता है.
अबके बिखरा तो फिर जुड़ ना पाऊंगा
करता है तू ना जाने का वादा मैं जानता हूँ लेकिन
तुझसे ज्यादा मुझे मेरी बदकिस्मती पे भरोसा है
तू मुझे मेरी ज़िन्दगी का आखरी सौगात सा नज़र आता है.
Aa Kar Le Dosti
आ करले दोस्ती मुझसे
लगा ले मुझको गले
मौत, ज़िन्दगी में आजा मेरी
चल ज़िन्दगी से कहीं दूर चलें.
ले ले ज़िन्दगी मेरी
वो होगी मेरे दोस्ती कि सौगात
खुशियों कि उम्मीद तुझसे भी नहीं करता मैं
बस कर दे मुझे तू मेरे ग़मों से आबाद.,
कर यकीन मेरा
तेरे साथ गर मैं जाऊँगा
ना कोई भी मेरे लिए रोने वाला होगा
ना ही किसी के छूटने का मैं मातम मनाऊंगा.
देखूं ज़रा मैं भी कि कैसी दुनिया है तेरी
प्यार, दोस्ती, इश्क मोहब्बत के नाम पर
क्या तेरी दुनिया में भी
ठगते हैं लोग इन्हीं जज्बातों के नाम पर?
अब बस आ भी जा
बहुत सता लिया है तुने
वर्ना मैं खुद कदम बढ़ा लूँगा तेरी ओर
जो की देर इक पल भी और तुने.
लगा ले मुझको गले
मौत, ज़िन्दगी में आजा मेरी
चल ज़िन्दगी से कहीं दूर चलें.
ले ले ज़िन्दगी मेरी
वो होगी मेरे दोस्ती कि सौगात
खुशियों कि उम्मीद तुझसे भी नहीं करता मैं
बस कर दे मुझे तू मेरे ग़मों से आबाद.,
कर यकीन मेरा
तेरे साथ गर मैं जाऊँगा
ना कोई भी मेरे लिए रोने वाला होगा
ना ही किसी के छूटने का मैं मातम मनाऊंगा.
देखूं ज़रा मैं भी कि कैसी दुनिया है तेरी
प्यार, दोस्ती, इश्क मोहब्बत के नाम पर
क्या तेरी दुनिया में भी
ठगते हैं लोग इन्हीं जज्बातों के नाम पर?
अब बस आ भी जा
बहुत सता लिया है तुने
वर्ना मैं खुद कदम बढ़ा लूँगा तेरी ओर
जो की देर इक पल भी और तुने.
Friday, December 4, 2009
Kisse Karein Gila
ले गया वो अपने साथ सारी मोहब्बत मेरी
कर गया क़त्ल जो भी थी दिल में हसरत मेरी
उम्मीदें भी सारी गयीं साथ तेरे
उम्र भर को कर गया वो ज़िन्दगी नाकाम मेरी.
वो मनाये जशन अपनी नयी ज़िन्दगी का
मेरे बिखरे हुए ख्वाबों के ढेर पे है महल उसका
दीवाना कुछ कम नहीं है अपना दिल भी
खुश है देख के वो मुस्कुराता चेहरा उसका.
दगा दे जाये जब दिल भी अपना
शिकवा क्या करें उससे जो था रकीब अपना
उस खंजर से क्या गिले करें
जब साया अपना ही था कातिल अपना.
मेरे बिखरे हुए ख्वाबों के ढेर पे है महल उसका
दीवाना कुछ कम नहीं है अपना दिल भी
खुश है देख के वो मुस्कुराता चेहरा उसका.
दगा दे जाये जब दिल भी अपना
शिकवा क्या करें उससे जो था रकीब अपना
उस खंजर से क्या गिले करें
जब साया अपना ही था कातिल अपना.
Ashkon ne Thhaga
बीती रात उसने पूछा जो हाल हमारा
खिल गए वो रुख के फूल
के पूछा उसने हाल हमारा.
जो गुज़ारे थे उसकी याद में ज़माने
अश्कों को गंवाने में
कहीं गुम हुए वो अश्क
आज उसके एक दीदार के बहाने में.
रौनक जो उसने देखी चेहरे पे हमारी
हमारी तन्हाई का फ़साना बेकार हुआ
एक मुस्कान से उसको हुआ गुमान हमारी खुशहाली का
खुदा से उसको माँगा हर लम्हा बेकार हुआ.
चल दिया फिर एक बार हमको वो राहों में छोड़कर
फिर एकबार हमीं पर बेवफाई का इल्ज़ाम लगा
उसके जाते ही भर आयीं फिर से एक बार निगाहें
अश्कों ने हमको आज फिर एक बार ठगा.
Thursday, December 3, 2009
Pal
तेरे साथ गुज़ारे थे तन्हाई में कुछ पल,
बारिश में भीगे हुए गुज़ारे थे कुछ पल,
कुछ पल साथ गुज़ारे थे तेरे घर के बगीचे में,
मेरे घर की छत पे गुज़ारे थे कुछ पल.
वो सारे पल आज मुझसे कुछ पूछते हैं,
मेरे साथ तू नहीं, इसकी वजह पूछते हैं.
कुछ मेरे हालात हैं, कुछ तेरी मजबूरियां,
पर ये पल तो नहीं समझते,
के अब न मिटेंगी ये दूरियां.
इनको अब भी उम्मीद है,
कि हम फिर पास होंगे,
वो बारिश, ओ बगीचा, वो छत और ये पल,
हम सब फिर से साथ होंगे.
कह दो तुम इनसे, कि अब तुम नहीं आओगी,
जितना जा पाओ तुम इनसे, दूर चली जाओगी.
तुम ही समझा दो इनको,
नहीं मानते ये मेरी बातें हैं,
रह रहकर यादों में आकर,
ये पल मुझे तड़पाते हैं.
इनसे बहककर कभी मैं सोचता हूँ,
कि फिर तुम मेरे पास आ जाओगी,
ये पल फिर से जी उठेंगे,
जो तुम फिर से मेरी हो जाओगी.
फिर संभल जाता हूँ मैं इस डर से,
कि लड़खड़ा जाऊँगा,
समझाता हूँ इन पलों को,
इस तरह मैं जज़्बात में बह जाऊँगा,
गिरगिराता हूँ इन पलों से,
कि ये ख्यालों में न आयें,
दिलाके पुराने दिनों की याद,
मुझे ये और कमज़ोर ना बनाएं.
पर जितना मैं इनको दूर भगाता हूँ,
उतना ये मुझे तड़पाते हैं,
आ आकर याद मुझे,
मेरे दिल को जलाते हैं.
ये पल अब मेरे साथ ही ये दुनिया छोड़ेंगे,
दफ्न होकर मेरे साथ मुझसे रिश्ता तोड़ेंगे.
हमारी कब्र पे तेरा नाम तो ना होगा लेकिन,
तेरे फूलों का इंतज़ार हम हमेशा करेंगे....
तेरे फूलों का इंतज़ार हम हमेशा करेंगे.....
बारिश में भीगे हुए गुज़ारे थे कुछ पल,
कुछ पल साथ गुज़ारे थे तेरे घर के बगीचे में,
मेरे घर की छत पे गुज़ारे थे कुछ पल.
वो सारे पल आज मुझसे कुछ पूछते हैं,
मेरे साथ तू नहीं, इसकी वजह पूछते हैं.
कुछ मेरे हालात हैं, कुछ तेरी मजबूरियां,
पर ये पल तो नहीं समझते,
के अब न मिटेंगी ये दूरियां.
इनको अब भी उम्मीद है,
कि हम फिर पास होंगे,
वो बारिश, ओ बगीचा, वो छत और ये पल,
हम सब फिर से साथ होंगे.
कह दो तुम इनसे, कि अब तुम नहीं आओगी,
जितना जा पाओ तुम इनसे, दूर चली जाओगी.
तुम ही समझा दो इनको,
नहीं मानते ये मेरी बातें हैं,
रह रहकर यादों में आकर,
ये पल मुझे तड़पाते हैं.
इनसे बहककर कभी मैं सोचता हूँ,
कि फिर तुम मेरे पास आ जाओगी,
ये पल फिर से जी उठेंगे,
जो तुम फिर से मेरी हो जाओगी.
फिर संभल जाता हूँ मैं इस डर से,
कि लड़खड़ा जाऊँगा,
समझाता हूँ इन पलों को,
इस तरह मैं जज़्बात में बह जाऊँगा,
गिरगिराता हूँ इन पलों से,
कि ये ख्यालों में न आयें,
दिलाके पुराने दिनों की याद,
मुझे ये और कमज़ोर ना बनाएं.
पर जितना मैं इनको दूर भगाता हूँ,
उतना ये मुझे तड़पाते हैं,
आ आकर याद मुझे,
मेरे दिल को जलाते हैं.
ये पल अब मेरे साथ ही ये दुनिया छोड़ेंगे,
दफ्न होकर मेरे साथ मुझसे रिश्ता तोड़ेंगे.
हमारी कब्र पे तेरा नाम तो ना होगा लेकिन,
तेरे फूलों का इंतज़ार हम हमेशा करेंगे....
तेरे फूलों का इंतज़ार हम हमेशा करेंगे.....
Faasle
किश्तों में आती है जो मौत
उसका दर्द कोई ज़रा हमसे पूछिये,
मर मार्के जीना जी जी के मरना,
आंसुओं को छिपाने का दर्द कोई हमसे पूछिए.
चेहरे पर जब हमारी शिकन देखते हैं
वो हाले दिल हमारा पूछते हैं,
जब तक कर पायें हम हाले दिल बयान
तब तक वो हमारे पास कहाँ रुकते हैं.
सुनी गलियों में अकेले भटकना काम है हमारा
तन्हाई का मतलब ज़रा कोई हमसे पूछिए,
अब तो उनके साथ भी हम खुद को तनहा पाते हैं,
ऐसी तन्हाई का आलम ज़रा कोई हमसे पूछिए.
हम करते रहे खुद को ख़ाक उनकी राहों पे,
वो हमारी ख़ाक से भी आँखें चुराते चले गए,
उनकी हसरत में तो फूल खिलाये थे दिल में,
वो हमारे दिल में कांटे चुभाते चले गए.
सबकुछ है पर कुछ भी नहीं,
बेबसी है क्या कोई हमसे पूछिए,
वो आँखों के सामने हैं पर सदियों के फासले हैं,
फासले हैं क्या कोई हमसे पूछिए.
उसका दर्द कोई ज़रा हमसे पूछिये,
मर मार्के जीना जी जी के मरना,
आंसुओं को छिपाने का दर्द कोई हमसे पूछिए.
चेहरे पर जब हमारी शिकन देखते हैं
वो हाले दिल हमारा पूछते हैं,
जब तक कर पायें हम हाले दिल बयान
तब तक वो हमारे पास कहाँ रुकते हैं.
सुनी गलियों में अकेले भटकना काम है हमारा
तन्हाई का मतलब ज़रा कोई हमसे पूछिए,
अब तो उनके साथ भी हम खुद को तनहा पाते हैं,
ऐसी तन्हाई का आलम ज़रा कोई हमसे पूछिए.
हम करते रहे खुद को ख़ाक उनकी राहों पे,
वो हमारी ख़ाक से भी आँखें चुराते चले गए,
उनकी हसरत में तो फूल खिलाये थे दिल में,
वो हमारे दिल में कांटे चुभाते चले गए.
सबकुछ है पर कुछ भी नहीं,
बेबसी है क्या कोई हमसे पूछिए,
वो आँखों के सामने हैं पर सदियों के फासले हैं,
फासले हैं क्या कोई हमसे पूछिए.
Tanhai
तन्हाई में अब एक जाम और पी लेता हूँ,
खुद से ही बातें करके ज़रा सा जी हूँ,
महसूस करता हूँ की अब मुझपर
तेरा नहीं मेरा ही अख्तियार है,
अहसास ये होता है की अब,
तुझसे ज्यादा मुझे
अपनी तन्हाई से प्यार है.
खुद से ही बातें करके ज़रा सा जी हूँ,
महसूस करता हूँ की अब मुझपर
तेरा नहीं मेरा ही अख्तियार है,
अहसास ये होता है की अब,
तुझसे ज्यादा मुझे
अपनी तन्हाई से प्यार है.
Zaruri to Nahin
उम्र भर साथ दे कोई किसी का
ये कोई ज़रूरी तो नहीं,
सफ़र अगर लम्बा हो तो
मिले हर मोड़ पे हमसफ़र,
ये कोई ज़रूरी तो नहीं,
हम तेरा नाम पुकारते रहे हर गली हर मोड़ पर
ये हमारी खुदगर्जी थी,
तेरी दुनिया में एक बस मैं रहूँ,
ये कोई ज़रूरी तो नहीं.
ये कोई ज़रूरी तो नहीं,
सफ़र अगर लम्बा हो तो
मिले हर मोड़ पे हमसफ़र,
ये कोई ज़रूरी तो नहीं,
हम तेरा नाम पुकारते रहे हर गली हर मोड़ पर
ये हमारी खुदगर्जी थी,
तेरी दुनिया में एक बस मैं रहूँ,
ये कोई ज़रूरी तो नहीं.
Dard
तेरी आँखों में झाँका तो कोई और नज़र आया,
तेरी आवाज़ में किसी और की खनक सुनाई दी,
तेरे पास बैठा तो किसी और को महसूस किया,
तेरी धड़कन में किसी की आवाज़ सुनाई दी.
हम वो हम ना रह पाए,
तुम रहे ना वो तुम,
हमको तेरा ग़म सताए,
तुम किसी और के ग़म में हो गुम.
मुझे ही सुनाना किसी और के किस्से,
उसकी जुदाई के आंसुओं से मेरे ही कंधे भिगोना,
सह जाता हूँ हर सितम तेरा तेरे सामने,
लहुलुहान दिल के टुकड़ों को तेरे पीछे संजोना.
इस हालात में भी तेरे सामने मुस्कुराता हूँ,
क्या जानते हो तुम मुस्कुराने का दर्द?
मर मर के जीता हूँ,
क्या जानते हो तुम इस जीने का दर्द?
तेरी आवाज़ में किसी और की खनक सुनाई दी,
तेरे पास बैठा तो किसी और को महसूस किया,
तेरी धड़कन में किसी की आवाज़ सुनाई दी.
हम वो हम ना रह पाए,
तुम रहे ना वो तुम,
हमको तेरा ग़म सताए,
तुम किसी और के ग़म में हो गुम.
मुझे ही सुनाना किसी और के किस्से,
उसकी जुदाई के आंसुओं से मेरे ही कंधे भिगोना,
सह जाता हूँ हर सितम तेरा तेरे सामने,
लहुलुहान दिल के टुकड़ों को तेरे पीछे संजोना.
इस हालात में भी तेरे सामने मुस्कुराता हूँ,
क्या जानते हो तुम मुस्कुराने का दर्द?
मर मर के जीता हूँ,
क्या जानते हो तुम इस जीने का दर्द?
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