Monday, March 29, 2010

Anjaana

कौन है ये इंसान जिससे मैं इतना अनजान हूँ
आईने में तो ये कुछ कुछ मुझसा नज़र आता है,
आसमान छूने के सपने संजोता था जो आँखों में
आज उन्ही सपनो को ज़मीन में दफनाता नज़र आता है.

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