Thursday, December 3, 2009

Dard

तेरी आँखों में झाँका तो कोई और नज़र आया,
तेरी आवाज़ में किसी और की खनक सुनाई दी,
तेरे पास बैठा तो किसी और को महसूस किया,
तेरी धड़कन में किसी की आवाज़ सुनाई दी.

हम वो हम ना रह पाए,
तुम रहे ना वो तुम,
हमको तेरा ग़म सताए,
तुम किसी और के ग़म में हो गुम.

मुझे ही सुनाना किसी और के किस्से,
उसकी जुदाई के आंसुओं से मेरे ही कंधे भिगोना,
सह जाता हूँ हर सितम तेरा तेरे सामने,
लहुलुहान दिल के टुकड़ों को तेरे पीछे संजोना.

इस हालात में भी तेरे सामने मुस्कुराता हूँ,
क्या जानते हो तुम मुस्कुराने का दर्द?
मर मर के जीता हूँ,
क्या जानते हो तुम इस जीने का दर्द?

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