Friday, December 11, 2009

Khud Se Na Inkaar Kar



दिल में छुपाके प्यार मेरा 
खुद से भी तू इनकार करता है 
डरता है तू मेरे प्यार से 
या खुद ही खुद से डरता है?

कर ले इकरार तू 
दुनिया के बन्धनों का क्या ख्याल करता है 
मेरे लिए ना सही अपने लिए ही इज़हार कर 
अपनी ख़ुशी से भला क्यूँ इनकार करता है?

दूंगा हर कदम हर मोड़ पे मैं साथ तेरा
क्यूँ तू खुद को महसूस अकेला करता है
दुनिया में जितना है प्यार नहीं 
कहीं ज्यादा उससे तुझको प्यार ये दीवाना करता है 

दूर रखके खुद से खुशियाँ 
दर्द को सीने से क्यूँ लगाता है 
खुशियों को देकर एक मौका देख 
दर्द से कहीं ज्यादा खुशियों से तेरा नाता है 

कर ले खुद पर भी यकीन एक बार तू
मोहब्बत को एक मौका देने में क्या जाता है 
यकीन तेरा टूटने ना दूंगा मैं
देख ये दीवाना तेरी दुनिया में कैसी बहार लाता है.

2 comments:

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  2. I guess you know the difference now between stopping yourself and letting yourself go....

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