तन्हाई में अब एक जाम और पी लेता हूँ,
खुद से ही बातें करके ज़रा सा जी हूँ,
महसूस करता हूँ की अब मुझपर
तेरा नहीं मेरा ही अख्तियार है,
अहसास ये होता है की अब,
तुझसे ज्यादा मुझे
अपनी तन्हाई से प्यार है.
Thursday, December 3, 2009
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